सोलर सिटी प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही बिजली कंपनी ने झटका दिया है। बिजली कंपनियों ने बिजली दरों में 3.86 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग के समक्ष रखा गया है। कंपनी ने सोलर ऊर्जा प्लांट से उत्पादित बिजली पर 20 प्रतिशत ग्रिड सपोर्टिंग चार्ज लेने का प्रस्ताव दिया है। इससे सौर ऊर्जा में निवेश कर रहे आम आदमी, उद्योग और व्यवसाय पर दोहरा भार पड़ेगा। बिजली कंपनी को चार्ज व निवेश पर ब्याज भी देना होगा। उद्योग-व्यापार संगठनों ने इसे वापस लेने का आग्रह किया है।
एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र, कंज्यूमर फोरम सहित 20 से ज्यादा संगठनों ने आयोग को कंपनी के प्रस्तावों पर आपत्ति व सुझाव भेजे हैं। इस पर आयोग जनवरी के आखिरी सप्ताह में ऑनलाइन सुनवाई करेगा। आपत्तिकर्ताओं का कहना है, सौर ऊर्जा प्लांट लगाने में निवेश करें, उस राशि पर ब्याज दें और बिजली कंपनी को भी चार्ज दें। फिर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने का क्या फायदा। कंपनी 4 रुपए प्रति यूनिट सौर ऊर्जा वाली बिजली खरीदेगी तो 80 पैसे सरचार्ज देना होगा। विशेषज्ञों का कहना है, बढ़ोतरी प्रस्तावों के असर से बिजली महंगी होगी।
उद्योग-व्यापार को सस्ती बिजली से सोलर प्रभावित
कंपनी द्वारा उद्योग-व्यापार के लिए प्रस्तावित टैरिफ से भी सोलर बिजली का उत्पादन प्रभावित होगा। कंपनी ने दिन में सुबह 9 से शाम 6 तक 20 प्रतिशत सस्ती बिजली देने का प्रस्ताव किया है। इसके अनुसार पीक ऑवर सुबह व शाम 6 से 9 बजे के बीच सरचार्ज लगेगा। रात 9 से सुबह 6 बजे तक दरें सामान्य रहेंगी। कंपनी द्वारा उद्योग-व्यापार के लिए प्रस्तावित टैरिफ से भी सोलर बिजली का उत्पादन प्रभावित होगा। कंपनी ने दिन में सुबह 9 से शाम 6 तक 20 प्रतिशत सस्ती बिजली देने का प्रस्ताव किया है। इसके अनुसार पीक ऑवर सुबह व शाम 6 से 9 बजे के बीच सरचार्ज लगेगा। रात 9 से सुबह 6 बजे तक दरें सामान्य रहेंगी।